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श्राद्ध में किन गलतियों को करने से परहेज करना चाहिए ?

ज्योतिष जिज्ञासा
ज्योतिष जिज्ञासा
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हमारे धर्म शास्त्रों में श्राद्ध पक्ष के लिए कई नियम बनाए गए हैं। इन नियमों में कुछ बातों का निषेध बताया गया है वहीं कुछ बातें जरूरी बताई गई हैं। ऐसा माना जाता है कि इन नियमों का पालन करने से हमारे पितर हमसे संतुष्ट होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं इसलिए पितरों को प्रसन्न रखने के लिए इन नियमों का पालन जरूर करना चाहिए।



dos and don’ts in shradh

जो पुरुष श्राद्ध का दान देकर अथवा श्राद्ध में भोजन करके स्त्री के साथ समागम करता है उसके पितर उस दिन से लेकर एक महीने तक उसी के वीर्य में निवास करते हैं इसलिए भूलकर भी उस दिन स्त्री समागम नहीं करना चाहिए।


इन दिनों हमें पान नहीं खाना चाहिए। बॉडी मसाज या तेल की मालिश नहीं करना चाहिए। किसी और का खाना नहीं खाना चाहिए। इन दिनों खाने में चना, मसूर, काला जीरा, काले उड़द, काला नमक, राई, सरसों आदि वर्जित मानी गई है अत: खाने में इनका प्रयोग ना करें।


dos and don’ts in shradh

श्राद्ध के दौरान क्षौर कर्म यानी बाल कटवाना, शेविंग करवाना या नाखून काटना आदि भी नहीं करना चाहिए।


श्राद्ध के दिनों में तांबे के बर्तनों का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए। पितरों का श्राद्ध कर्म या पिण्डदान आदि कार्य करते समय उन्हें कमल, मालती, जूही, चम्पा के पुष्प अर्पित करें।


श्राद्धकाल में पितरों के मंत्र (ऊँ पितृभ्य स्वधायीभ्य स्वधा नम: पितामहेयभ्य: स्वधायीभ्य स्वधा नम: प्रपितामहेयभ्य स्वधायीभ्य स्वधा नम:, अक्षंतपितरोमी पृपंतपितर: पितर: शुनदद्धवम्) का जप करें। इस मंत्र से पितरों सहित सभी देवी-देवता आपसे प्रसन्न होंगे।



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